नई दिल्ली I राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार (14 जुलाई) को होने वाली विधायक दल की बैठक में शामिल होने से एक बार फिर इनकार करते हुए कांग्रेस को परेशानी में ला खड़ा किया है। मंगलवार को दूसरी बार कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई गई है। पायलट के खुलकर बागी तेवर अपना लेने के बाद कांग्रेस ने सोमवार (13 जुलाई) सुबह जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें पायलट और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचे। इस बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था प्रकट की गई और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति समर्थन जताया गया। बाद में कांग्रेस ने दावा किया कि गहलोत सरकार को 109 विधायकों का समर्थन हासिल है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, गहलोत सरकार के प्रति अपना समर्थन जताने वाले 100 से अधिक विधायकों को जयपुर के फेयर मॉन्ट होटल में रखा गया है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार (13 जुलाई) रात संवाददाताओं को बताया कि मंगलवार (14 जुलाई) सुबह 10 बजे कांग्रेस विधायक दल की एक और बैठक होगी। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि बागी तेवर दिखा रहे पायलट एवं कुछ अन्य विधायक इस बैठक में भाग लेंगे। उन्होंने कहा, ''एक बार फिर हम सचिन पायलट, सभी विधायक साथियों को लिखकर भी भेज रहे हैं ... उनसे अनुरोध करते हैं कि आइए राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करें। राजस्थान को कैसे मजबूत करें-- ये चर्चा करें। अगर किसी व्यक्ति विशेष से कोई मतभेद है तो खुले मन से वो भी कहिए, कांग्रेस नेतृत्व ... सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी सबकी बात सुनने और उसका हल निकालने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं।" उन्होंने कहा, "हमने यह कहा था कि सचिन पायलट सहित सभी विधायकों के लिए सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के दरवाजे खुले हैं वे खुले मन से आएं अगर कोई मतभेद है तो उस पर चर्चा करेंगे, केंद्रीय नेतृत्व चर्चा कर हल निकालेगा।"
इससे पहले, सोमवार सुबह हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पारित एक प्रस्ताव में पायलट की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा गया है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या विधायक इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। विधायक दल की बैठक आरंभ होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुलह की गुंजाइश होने का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि पायलट और दूसरे विधायक बैठक में आ सकते हैं। हालांकि पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के कई अन्य नेता पायलट के संपर्क में हैं।
इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है कि सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में कुल कितने विधायक उपस्थित थे, हालांकि कई पार्टी नेताओं का कहना है कि 106 विधायक वहां मौजूद थे। पायलट के करीबी सूत्रों ने गहलोत सरकार के पास बहुमत होने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि बहुमत मुख्यमंत्री आवास पर नहीं, विधानसभा में साबित होता है। पायलट ने रविवार शाम दावा किया था कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है। दूसरी तरफ, कांग्रेस के विधायकों का बसों द्वारा फेयरमॉन्ट होटल में ले जाया जाना इस बात का संकेत है कि संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मौजूदा संकट के निपटने तक संभवत: ये विधायक वहीं रुकेंगे।