पीएम मोदी की लद्दाख यात्रा चीन को कूटनीतिक संदेश- भारत झुकने वाला नहीं है, माकूल जवाब देने में सक्षम


नई दिल्ली I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अचानक लेह लद्दाख जाकर सैनिकों को संबोधित करना चीन के लिए स्पष्ट कूटनीतिक संदेश समझा जा रहा है। जानकारों का मानना है कि भारत का रुख साफ है वह विस्तारवाद की किसी भी मुहिम का डटकर विरोध करेगा। हमारी जमीन पर आंख उठाकर देखने वालों को स्पष्ट जवाब देने में भारत सक्षम है। विदेश मामलों के जानकार और पूर्व राजनयिक जी पार्थसारथी का कहना है कि प्रधानमंत्री की यात्रा सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के साथ चीन को साफ संदेश है कि हम पीछे हटने वाले नही हैं।


हर स्तर पर दूर की आशंका
पार्थसारथी ने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा में अपने लोगों के लिए संदेश है कि हम दृढ़ता से स्थिति का मुकाबला करेंगे। सेना को संदेश है कि देश आपके साथ है और देश आपकी ओर देख रहा है। चीन सहित दुनिया को संदेश है कि हम झुकने वाले नहीं हैं, दबाव में आने वाले नहीं हैं और जहां तक हमारी जमीन का सवाल है पार्थ सारथी ने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा का फैसला सोच समझकर किया गया है। हर स्तर पर आशंका को दूर करते हुए स्पष्ट संकेत है कि भारत सक्षम है।


कोई धौंस नहीं जमा सकता
विदेश व सामरिक मामलों के जानकार सुशांत सरीन ने कहा कि हमने एक लक्ष्मण रेखा खींच दी है कि कोई भी हम पर धौंस नही जमा सकता। हमने ये चीन को स्पष्ट संदेश दिया है कि आप हमको घेर नही सकते, धौंस नही जमा सकते, बढ़त मानकर पीछे नही हटा सकते। चीन को इस लक्ष्मण रेखा का सम्मान करना पड़ेगा।


चीन अलग थलग पड़ेगा
पार्थसारथी ने कहा, "दरअसल चीन अपमानित हो गया है। उसका इस तरह का विवाद सभी पड़ोसी के साथ है। चाहे फिलीपींस हो, वियतनाम हो या जापान हो उनका सबके साथ मतभेद है। हमारा प्रयास यही रहेगा कि उनपर अंतरराष्ट्रीय दबाव रहे। उनको अलग-थलग कर दें। आसियान देशों ने मिलकर 20 साल बाद चीन को दक्षिण सागर में संप्रभुता का हनन न करने का प्रस्ताव पारित किया है। कई देश भारत के साथ खड़े हैं।"


आधुनिक दुनिया मे चीन की मनमानी संभव नहीं
पार्थसारथी ने कहा, "आधुनिक दुनिया मे आप मनमानी नहीं कर सकते। बल प्रयोग करके जैसा फिलीपींस, वियतनाम के खिलाफ उन्होंने किया है उससे चीन बदनाम हो रहा है। हमारा यही प्रयास रहेगा कि वे सीधे रास्ते में आएं।"


जंग नहीं चाहते, लेकिन पीछे नही हटेंगे
सुशांत सरीन ने कहा, "प्रधानमंत्री की यात्रा का संदेश बहुत साफ है कि चीन को बता दें कि हम जंग नहीं चाहते, लेकिन हम पीछे हटने वाले भी नहीं हैं। हम बिल्कुल बातचीत से कूतिनीतिक स्तर पर समस्या का हल चाहते हैं। विदेश मंत्रालय, सैन्य स्तर पर बात चल रही है। लेकिन हमारी तैयारी भी पूरी है।"


हम भड़का नहीं रहे
सरीन ने कहा, "जहां तक चीन की प्रतिक्रिया का सवाल है हम स्थिति को भड़का नहीं रहे हैं। हमारा मानना है कि स्थिति को भड़काना नहीं चाहिए। स्थिति को काबू में लाना चाहिए, लेकिन इसके लिए चीन को भी ईमानदारी दिखानी होगी।"