नई दिल्ली । देश में तेजी के साथ बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के मसले पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव ने शुक्रवार को नौ राज्यों (आंध्र प्रदेश, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, झारखंड और उत्तर प्रदेश) के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक की। बैठक में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई है।
उधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत प्रति 10 लाख आबादी पर 864 मामले और 21 से कम मौतों के साथ भारत सबसे कम कोरोना संक्रमण और मृत्यु दर वाले देशों में से एक है। देश में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर जहां बढ़कर 63.45 फीसद हो गई है, वहीं मृत्यु दर भी घटकर 2.3 फीसद पर आ गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हर्षवर्धन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के स्वास्थ्य मंत्रियों की डिजिटल मीट में उक्त टिप्पणी की। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री ने खासतौर पर इस बात का उल्लेख किया कि कोरोना संकट के दौरान किस तरह से भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति (आयुर्वेद) लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार साबित हुई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एससीओ में पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा के लिए कोई संस्थागत तंत्र नहीं है। इस चिकित्सा पद्धति में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2014-2023 को पूरा करने और 2018 के किंग्दाओ समिट में महामारी खत्म करने के लिए हुए समझौते का जोरदार तरीके प्रभावी कार्यान्वयन की क्षमता है।
हर्षवर्धन ने कहा कि यह हाल तब है जब एससीओ के सदस्य देशों में व्यापक पैमाने पर पारंपरिक चिकित्सा पद्धति प्रचलन में है। उन्होंने एससीओ के स्वास्थ्य मंत्रियों की इस बैठक में ही पारंपरिक चिकित्सा पद्धति पर एक उप समिति गठित करने का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने भारत में कोरोना मरीजों के प्रबंधन में सूचना प्रौद्योगिक के इस्तेमाल को भी रेखांकित किया। आरोग्य सेतु और इतिहास एप का भी जिक्र किया। इतिहास एप का इस्तेमाल कोरोना के संभावित क्लस्टर की पहचान और उन पर नजर रखने के लिए किया जाता है।