अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य नीच राशि (तुला) में हो, दुख भाव में हो या फिर राहु के साथ ग्रहण योग में होने से पीड़ित हो तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में यश नहीं मिल पाता। ऐसे व्यक्ति में आत्मविश्वास की हमेशा कमी बनी रहती है। वह कितना भी अच्छा काम करे उसे प्रशंसा नहीं मिल पाती। जीवन में पिता और पुत्र सुख की कमी रहती है। अपने बॉस एवं सीनियर के साथ झगड़े बने रहते हैं। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति के सरकारी काम में हमेशा बाधा बनी रहती है। आंख और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं भी परेशान करती हैं।
कुंडली में कमजोर होने की स्थिति में सूर्य की दशा आने पर जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है। इन स्थितियों में जरुरी है कि सूर्य को सकारात्मक बनाने और उसके अच्छे रिजल्ट पाने के लिए उपाय किए जाएं। ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत के अनुसार ऐसी परिस्थितियो में इन दस उपायों को करके सूर्य के अच्छे परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। इससे कुंडली में सूर्य सकारात्मक रिजल्ट देगा।
यह उपाय देंगे लाभ-:
-प्रतिदिन सुबह तांबे के बर्तन से सूर्य को जल अर्पित करें।
-मस्तक पर रोली का तिलक लगाएं।
-ऊं घृणि सूर्याय नम: की रोज एक माला जाप करें।
-आदित्य हृदय स्तोत्र का रोज पाठ करें।
-लाल चंदन की माला गले में धारण करें।
-अपने पिता से हमेशा अच्छा व्यवहार एवं उनकी सेवा करें।
-अपने घर की पूर्व दिशा को हमेशा साफ रखें।
-तांबे का छल्ला सीधे हाथ की अनामिका उंगली में धारण करें।
-गरीब एवं जरुरतमंद व्यक्तियों को ऊनी कपड़ों का दान करें।
-मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक और धनु लग्न की कुंडली वाले व्यक्ति माणिक भी पहन सकते हैं।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)