लखनऊ । आगरा एक्सप्रेस-वे पर होने वाली दुर्घटनाएं रोकने के लिए परिवहन निगम प्रशासन ने बस सेवाओं के संचालन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। अब 200 किमी दूरी के बाद प्रत्येक बस सड़क किनारे बने कनवीनियन सेंटर पर 10 मिनट रुकेगी। एक्सप्रेस वे पर ए-श्रेणी की बसें ही चलेंगी। खटारा और अधिक पुरानी बसों का संचालन इन फर्राटा मार्गों पर नहीं किया जाएगा। प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने मुख्यालय में आए सुझावों पर बुधवार को इस संबंध में सभी क्षेत्रों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
व्यवहार और पांच साल का रिकॉर्ड देख लगाई जाए चालकों की डयूटी
एमडी के मुताबिक इसके तहत एक्सप्रेस वे पर संचालन के लिए ऐसे चालकों की डयूटी लगायी जाए जिनका पिछले पांच साल का रिकार्ड बेहतर रहा हो। साथ ही उनका व्यवहार यात्रियों के प्रति अच्छा और अनुशासित हो।
निगरानी को एक्सप्रेस-वे पर फ्लाइंग स्क्वायड की होगी तैनाती
ओवरस्पीडिंग समेत कई अहम कारणों की निगरानी के लिए एमडी ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर राउंड द क्लॉक फ्लाइंग स्क्वायड की तैनाती का निर्णय लिया। इस पूरे मार्ग पर परिवहन निगम की बसों से विगत तीन वर्षो में घटित दुर्घटनाओं के स्थलीय निरीक्षण के बाद कारणों का अध्ययन कर हुई दुर्घटनाओं की निगरानी की जाएगी। यही नहीं एक्सप्रेस-वे पर संचालित बसों की ओवर स्पीडिंग एवं दुर्घटनाओं का मासिक डेटा यूपीडा एवं जमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण से प्राप्त कर उसका अध्ययन किया जाए उसके बाद आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।