महुआ के पेड़ उत्तर भारत के जंगलों में आसानी से मिल जाते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम मधुका लांगिफोलिया है। महुआ के फूलों का सेवन इंसान और जानवर दोनों करते हैं। जहां इंसान महुआ के फूलों का सेवन रोटी और हलवे के रूप में करते हैं। वहीं, जानवर पोषक आहार के रूप में करते हैं। इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। खासकर डायबिटीज़ रोग में महुआ रामबाण दवा है।
इसमें प्रोटीन, शुगर, कैल्शियम और फास्फोरस पाए जाते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके फूल फरवरी, मार्च और अप्रैल के महीने में फूलते हैं। जबकि इसके बीज सावन-भादों के महीने में आते हैं। इसके बीज का तेल भी सेहत के लिए लाभदायक होता है। ग्रामीण इलाकों में चोरी-चोरी चुपके-चुपके महुआ का इस्तेमाल देसी शराब बनाने में किया जाता है जो कि सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। आइए जानते हैं कि कैसे महुआ की छाल डायबिटीज़ में फायदेमंद साबित होती है और कैसे इसका सेवन करें-
डायबिटीज़ में है फायदेमंद
महुआ के फूल डायबिटीज़ में फायदेमंद नहीं होते हैं, लेकिन महुआ की छाल डायबिटीज़ में बहुत ही कारगर साबित होती है। विशेषज्ञों की मानें तो महुआ की छाल का काढ़ा पीने से डायबिटीज़ नियंत्रित रहता है। इसलिए डॉक्टर्स डायबिटीज़ के मरीजों को महुआ की छाल का काढ़ा पीने की सलाह देते हैं। लगातार काढ़ा पीने से डायबिटीज़ को रोका जा सकता है।
कैसे बनाएं काढ़ा
इसके लिए एक गिलास पानी में महुआ की छाल के टुकड़ों को उबलने दें। इसमें लौंग, अदरक और काली मिर्च आदि भी डाल सकते हैं। मीठेपन के स्वाद के लिए इसमें नाम मात्र गुड़ डाल सकते हैं। अब इसे अच्छी तरह उबाल लें। जब उबलते पानी का रंग भूरा हो जाए तो गैस को ऑफ कर दें। अब इसे कप में छानकर चाय की तरह पी सकते हैं। आप चाहे तो इसे दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।