नोएडा I अयोध्या में लगने वाली भगवान राम की मूर्ति विश्व रिकॉर्ड बनाएगी और यह मूर्ति अभी तक की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होगी और उससे भी खास बात यह मूर्ति पूरी तरह से स्वदेशी होगी। जिसका पूरा निर्माण उत्तर प्रदेश में ही किया जाएगा। इसका कोई भी अंश विदेश में नहीं बनेगा और ना ही विदेश में इसके किसी हिस्से की ढलाई होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इच्छा के अनुरूप मूर्ति का निर्माण यहीं पर होगा। भगवान की राम की इस मूर्ति का निर्माण करने वाले पदम भूषण से सम्मानित मूर्तिकार राम सुतार और उनके बेटे अनिल सुतार ने बताया कि भगवान राम की मूर्ति का डिजाइन पास होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी इसको लेकर वार्ता हो चुकी है। जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह मूर्ति पूरी तरह से स्वदेशी हो। जिसके बाद उन्होंने आश्वस्त किया है कि यह मूर्ति पूरी तरह से स्वदेशी होगी और इसका निर्माण वह उत्तर प्रदेश में ही करेंगे, जो सबसे भव्य मूर्ति बनेगी। निर्माण कार्य प्रारम्भ होने के बाद उसके निर्माण में करीब साढ़े तीन साल का समय लगेगा। उम्मीद है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के बाद ही मूर्ति निर्माण का काम भी शीघ्र प्रारम्भ हो जाएगा।
भगवान राम की मूर्ति बनायेगी विश्व रिकॉर्ड, यह होंगी खासियतें
अयोध्या में बनने वाली यह मूर्ति विश्व रिकॉर्ड बनायेगी। अभी तक चीन में स्थित गौतमबुद्ध की मूर्ति विश्व में सबसे ऊंची है। उसकी ऊंचाई 208 मीटर है। लेकिन अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति 251 मीटर ऊंची होगी। इसका निर्माण होने के साथ ही अयोध्या चीन को पछाड़ देगा। यह विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। जिसमें अनेक विशेषताएं होंगी। इसमें 20 मीटर ऊंचा चक्र होगा। मूर्ति 50 मीटर ऊंचे बेस पर खड़ी होगी। बेस के नीचे ही भव्य म्यूजियम होगा। जहां टेक्नोलॉजी के जरिये भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया जाएगा। यहां डिजिटल म्यूजियम, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग, लाइब्रेरी, रामायण काल की गैलरी आदि भी बनायी जायेंगी।
इस मूर्ति के निर्माण के लिए अयोध्या में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चल रही है। अयोध्या के गांव मांझा बरहटा में ही श्रीराम की यह भव्य प्रतिमा लगेगी। जहां की 80 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई वर्तमान में चल रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार पैसा भी जारी कर चुकी है।
सेक्टर-19 निवासी मूर्तिकार राम सुतार का सेक्टर-63 में स्टूडियो है। वह अभी तक 15 सौ से अधिक मूर्तियों को डिजाइन कर चुके हैं। उन्हें सरकार से पद्म भूषण, पदम श्री, टैगोर एवार्ड भी मिल चुके है। गुजरात स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उनके द्वारा बनाया गया है। सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह मूर्ति 182 मीटर ऊंची है। मुंबई में बन रही बाबा साहेब की 137.2 मीटर ऊंची और छत्रपति शिवाजी महाराज की 212 मीटर ऊंची प्रतिमा भी वह ही बनवा रहे हैं। वह 50 से अधिक स्मारक प्रतिमाओं का निर्माण कर चुके हैं। संसद में लगी इंदिरा गांधी, मौलाना आजाद, जवहारलाल नेहरू समेत 16 मूर्तियों को भी सुतार ने ही बनाया है। लखनऊ में लगी मूर्तियां, नोएडा में पार्को में लगी मूर्तियां, मंगोलिया में बुद्दा की मूर्ति भी उन्होंने ही बनवायी हैं। विश्व के 450 शहरों में उन्हीं के द्वारा बनायी गई गांधी जी के मूर्ति लगी हैं।
नोएडा में रहने वाले रामसुतार का जन्म 19 फरवरी, 1925 को महाराष्ट्र के धूलिया जिले में हुआ था। राम सुतार बहुत छोटी उम्र से मूर्तियां गढ़ने लगे थे। उन्होंने मुम्बई के सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में पढ़ाई की। उन्हें कांस्य, पत्थर और संगमरमर से बुत तराशने में विशेष रूप से महारत मिली। राम सुतार ने 1950 के दशक में पुरातत्व विभाग के लिए काम किया और अजंता एवं एलोरा की गुफाओं की बहुत सी मूर्तियों को उनके मूल प्रारूप में वापिस लाने का कार्य किया। राम सुतार ने गंगासागर बांध पर चंबल देवी की 45 फुट ऊंची सुंदर प्रतिमा तराशकर मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों को उनके दो पुत्रों के रूप में बनाया। उनकी बनाई महात्मा गांधी की प्रतिमा उनकी सबसे चर्चित कलाकृतियों में से एक है और भारत सरकार ने गांधी शताब्दी समारोहों के अंतर्गत इस प्रतिमा की अनुकृति रूस, ब्रिटेन, मलेशिया, फ्रांस, इटली, अर्जेंटीना, बारबाडोस सहित बहुत से देशों को उपहार स्वरूप दी है।