कुंडली में बृहस्पति का कमजोर या पीड़ित होना जीवन में बहुत सी समस्याएं बढ़ाता है। कमजोर बृहस्पति के कारण व्यक्ति की शिक्षा में बहुत बाधाएं आती हैं। ऐसे में व्यक्ति में प्रबंधन की ताकत बहुत कम होती है। जीवन में अच्छे लोगों की संगति नहीं मिल पाती। जीवन में अच्छे गुरु नहीं मिल पाते। बृहस्पति का कमजोर होना संतान सुख में भी बाधा डालता है और स्त्रियों के लिए बृहस्पति का कमजोर होना वैवाहिक जीवन में दिक्कतें देता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से लीवर और पेट से जुड़ी समस्याएं भी कमजोर बृहस्पति के कारण ही होती हैं। कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो तो ऐसे में बृहस्पति की दशा भी जीवन में बहुत संघर्ष बढ़ाती है। अगर कुंडली में बृहसपति नीच राशि (मकर) में हो, छठे, आठवें, 12 वें भाव में हो या राहु के साथ होने से पीड़ित हो तो ऐसे में बृहस्पति के लिए किए जाने वाले उपायों के अलावा ये सात काम जीवन में अवश्य करने चाहिए। इन कार्यों को करने से बृहस्पति देव की कृपा होती है और आपकी कुंडली का कमजोर बृहस्पति संतुलित होता है। ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत से जानिए बृहस्पति देव को प्रसन्न कर कैसे बेहतर परिणाम पा सकते हैं।
-कर्मकाण्डी ब्राह्मण की सेवा करें और प्रतिदिन उनके चरणस्पर्श करके उनका आशीर्वाद लें।
-आपके घर के आसपास जो भी मंदिर हो उसमें प्रतिदिन या जब भी आपको अवसर मिले वहां की सफाई करें।
-जीवन में जब भी अवसर मिले तो अपनी सामर्थ्य के अनुसार किसी भी पुराने मंदिर के जीर्णोद्धार या पुनर्निर्माण में अपनी आर्थिक सहायता अवश्य दें।
-अगर आपकी सामर्थ्य हो तो ऐसे बच्चे की शिक्षा में आर्थिक सहायता दें जो घर की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ नहीं पा रहे हैं। आप अगर बच्चों को स्वयं शिक्षित करें या जरुरत बच्चों को शिक्षा सामग्री देकर उनकी सहायता करें तो इससे भी आपकी कुंडली का बृहस्पति सकारात्मक फल देता है।
-प्रतिमाह अमावस्या के दिन अपने पितरों के निमित्त दूध सफ़ेद मिठाई और भोजन अवश्य दान करें।
-अपने गुरुओं का सदा सम्मान करें।
-जीवन में जितना भी हो सके गौ सेवा अवश्य करें।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
-आपके घर के आसपास जो भी मंदिर हो उसमें प्रतिदिन या जब भी आपको अवसर मिले वहां की सफाई करें।
-जीवन में जब भी अवसर मिले तो अपनी सामर्थ्य के अनुसार किसी भी पुराने मंदिर के जीर्णोद्धार या पुनर्निर्माण में अपनी आर्थिक सहायता अवश्य दें।
-अगर आपकी सामर्थ्य हो तो ऐसे बच्चे की शिक्षा में आर्थिक सहायता दें जो घर की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ नहीं पा रहे हैं। आप अगर बच्चों को स्वयं शिक्षित करें या जरुरत बच्चों को शिक्षा सामग्री देकर उनकी सहायता करें तो इससे भी आपकी कुंडली का बृहस्पति सकारात्मक फल देता है।
-प्रतिमाह अमावस्या के दिन अपने पितरों के निमित्त दूध सफ़ेद मिठाई और भोजन अवश्य दान करें।
-अपने गुरुओं का सदा सम्मान करें।
-जीवन में जितना भी हो सके गौ सेवा अवश्य करें।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)