नई दिल्ली । पहली बार देश में 24 घंटे में कोरोना केसों की संख्या 10 हजार के स्तर को भी पार कर गई है। मरीजों की संख्या 3 लाख के पार चली गई है। ऐसे में सरकार की अगली रणनीति क्या होगी? पीएम नरेंद्र मोदी 16 और 17 जून को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग मंथन करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान कोरोना के खिलाफ कोई नई रणनीति पर विचार हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 और 17 जून को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे। PM 16 जून को ऐसे 21 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे जहां कोरोना केसों की संख्या अब तक काफी कम है। ये राज्य हैं पंजाब, असम, केरल, खंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, हिमाचल, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, नागालैंड, लद्दाख, पुदुचेरी, अरुणाचल, मेघालय मिजोरम, A&N द्वीप, दादरा नगर हवेली और दमन दीव, लक्षद्वीप और सिक्किम।
इसके बाद पीएम मोदी 17 जून को उन 15 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के CMs के साथ बातचीत करेंगे जहां कोरोना बेकाबू होता जा रहा है या संक्रमण तेजी से पैर पसारने लगा है। ये राज्य हैं- महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, तेलंगाना और ओडिशा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार सुबह 8 बजे तक, पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 10,956 मामले सामने आने के साथ देश में कोविड-19 के कुल मामले बढ़ कर 2,97,535 पहुंच गए हैं। वहीं, इस महामारी से एक दिन में सर्वाधिक 396 लोगों की मौत होने के साथ कुल मृतक संख्या बढ़ कर 8,498 हो गई है। उधर वर्ल्डओमीटर के मुताबिक आज शाम करीब सात बजे भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 लाख से अधिक हो गई।
कैबिनेट सचिव के साथ बैठक के दौरान राज्यों को सलाह दी गई कि वे कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिये संक्रमण रोकने, संदिग्ध मरीजों की कोविड-19 जांच करने, संक्रमितों के संपर्क में आये लोगों का पता लगाने, स्वास्थ्य ढांचे को उन्नत करने, क्लीनिकल प्रबंधन और सामुदायिक भागीदारी पर ध्यान करें।
कंटेनमेंट जोन में घर-घर जाकर सक्रिय निगरानी करने पर भी जोर देते हुए इस बात का जिक्र किया गया कि मामलों का समय रहते या शीघ्र पता लगाने के लिये यह जरूरी है। राज्यों से संक्रमण के मामलों के अनुमान के मुताबिक अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने के कार्य में तेजी लाने के साथ-साथ पर्याप्त उपकरणों और प्रशिक्षत कर्मियों की व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया।
बैठक में संदिग्ध मरीजों में (कोविड-19 के) लक्षण के आधार पर समय पर उसे उपयुक्त अस्पताल या स्वास्थ्य सुविधा केंद्र भेजना और एम्स, दिल्ली के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्रों की मदद से क्लीनिकल गतिविधियों को बेहतर करने पर भी जोर दिया गया। राज्यों से समुदाय स्तर पर व्यापक पहुंच स्थापित करने का अनुरोध किया गया, ताकि समुदाय में हर वक्त सामजिक दूरी और उपयुक्त व्यवहार को प्रोत्साहन मिले।