ऐसा कहा जाता है कि जिनकी राशि में बुध कमजोर होता है अथवा बुध के कारण अस्थिरता रहती है उन्हें बुध देव की पूजा-उपासना करनी चाहिए।
सप्ताह के सातों दिन देवी-देवताओं को समर्पित हैं। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है, तो मंगलवार का दिन बजरंगबली को समर्पित है। जबकि बुधवार भगवान कृष्ण और गणेश को समर्पित है। साथ ही बुधवार का दिन बुध ग्रह को समर्पित है। इस दिन बुध देव की भी पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जिनकी राशि में बुध कमजोर होता है, अथवा बुध के कारण अस्थिरता रहती है, उन्हें बुध देव की पूजा-उपासना करनी चाहिए। साथ ही बुध देव को प्रसन्न करने के लिए हर बुधवार को बुध ग्रह शांति मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन से बुध संबधी बाधाएं दूर हो जाती हैं। आइए, बुध शांति ग्रह मंत्र और इसके लाभ जानते हैं-
बुध शांति ग्रह मंत्र
प्रियंगुकलिकाश्यामं रूपेणांप्रतिमं बुधम्।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्॥
इस मंत्र का अर्थ है-आपकी काया निशा जैसी है, आप वर्ण में श्याम है। आपके मुखमंडल से तेज चमकता है। आप सभी गुणों में निपुण हैं। हे बुध देव आपको दंडवत प्रणाम-मेरा भी उद्धार करो।
कब करें इस मंत्र का जाप
हर बुधवार को सुबह उठकर स्नान-ध्यान से निवृत होकर हरे रंग के कपड़े पहनें। इसके बाद ध्यान की मुद्रा में आकर अपने दोनों हाथों को जोड़कर बुध देव को प्रणाम करें। फिर इस मंत्र का जाप सच्ची श्रद्धा से करें। कम से कम एक माला जरूर जाप करें।
बुध शांति ग्रह मंत्र के लाभ
-इस मंत्र के जाप से तन और मन दोनों शुद्ध होते हैं।
-बुध देव बुद्धि और विवेक के देवता माने जाते हैं। इनकी भक्ति करने से व्यक्ति के जीवन में बुद्धि और विवेक का आगमन होता है। साथ ही अध्यात्म चेतना भी जागृत होती है।
-अगर किसी के ग्रह नक्षत्र में बुध ग्रह के कारण अशांति आती है तो इस मंत्र के नियमित जाप से वह इन चीजों से मुक्ति पा लेता है। साथ ही व्यक्ति के जीवन में शांति आती है।