दुनिया अभी कोरोना वायरस की पहली लहर से पूरी तरह उबर भी नहीं पाई थी कि दूसरी लहर का खतरा बढ़ने लगा। ईरान में तो यह भयावह तरीके से नजर आ रहा है वहीं, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जापान समेत कई देशों में भी अचानक नए मामले दर्ज किए जाने लगे हैं। अमेरिका के चार राज्यों में भी संक्रमण तेजी से बढ़ा है। जॉन्स हॉपकिंस सेंटर, पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन समेत कम से कम पांच संस्थाओं ने इसे दूसरी लहर का गहरा संकेत बताया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पुरानी महामारियों का हवाला देते हुए एक बार फिर चेताया है कि लॉकडाउन में ढील देते समय सरकारों को सतर्कता बरतनी चाहिए, दूसरी लहर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यूरोपीय यूनियन की कोविड-19 रिस्पॉन्स टीम की प्रमुख एंड्रिया एमॉन ने भी कहा कि यह सवाल है ही नहीं कि कोविड की दूसरी लहर आएगी या नहीं, सवाल यह है कि यह कितनी बड़ी और भयावह होगी।
दावा-भारत में भी आएगी दूसरी लहर :
जापानी फाइनेंशियल रिसर्च फर्म नोमुरा ने दावा किया है कि भारत समेत 15 देशों में वायरस की दूसरी लहर आएगी। विशेषज्ञों ने भारत को खतरनाक जोन में रखा है। इसमें भारत, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, ब्राजील, मैक्सिको, चिली, स्वीडन, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और कनाडा शामिल हैं।
सबसे बड़ी चिंता
विशेषज्ञों को इस बात की चिंता है कि सर्दी आने के साथ ही लोगों में फ्लू के लक्षण बढ़ेंगे, साथ ही कोरोना वायरस की दूसरी लहर का खतरा भी। न्यूरोसाइंटिस्ट कार्ल फ्रिस्टन का कहना है कि दूसरी लहर कुछ महीनों के बाद आ सकती है और तब तक जो लोग संक्रमण से ठीक भी हो गए हैं उनका प्रतिरक्षा तंत्र भी शायद कमजोर पड़ने लगे। यह खतरनाक होगा। अभी वायरस के बारे में बहुत कुछ ऐसा है जो पता नहीं है। समय आने पर उसमें क्या बदलाव होंगे और उनका क्या असर होगा, यह भी अभी देखना बाकी है।
इतिहास से सबक: दूसरी लहर अक्सर होती है भयावह
संक्रामक बीमारियों का इतिहास बताता है कि हमें दूसरी लहर से सचेत रहना चाहिए। ज्यादातर महामारी की दूसरी लहर आई है यह पहले से ज्यादा खतरनाक रही है। लाखों लोग इसका शिकार हुए हैं। आइए जानते हैं कुछ महामारियों के बारे में जिनकी दूसरी लहर भी काफी जानलेवा साबित हुईं।