UP में सबसे पहले लागू होगा नागरिकता संशोधन कानून

CAA योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह का दावा है कि उत्तर प्रदेश में देश में सबसे पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू होगा।



लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को सबसे पहले लागू करने की तैयारी कर ली है। प्रदेश के हर जिले में जाकर योगी आदित्यनाथ के मंत्री जन-जन को नागरिकता संशोधन कानून के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। बीते शुक्रवार को इसका नोटीफिकेशन जारी होने के बाद से तैयारी ने और गति पकड़ ली है।


योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह का दावा है कि उत्तर प्रदेश में देश में सबसे पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू होगा। उन्होंने कहा कि जब भी केंद्र से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सीएए की डिटेल्स प्रदेश को मिलेगीं, उत्तर प्रदेश ही इसे लागू करने में सबसे आगे रहेगा। मंत्री ने कहा कि एनआरसी व सीएए को लेकर लोगों में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए देश में केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से लोक जागरण मंच के माध्यम से हर रोज पदयात्रा निकाली जा रही है। नागरिकता संशोधन बिल को लेकर विपक्ष तरह-तरह के भ्रम फैला रहा है। इससे किसी का अहित नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि बीते छह माह में लोकसभा में जितनी कार्यवाही हुई है, उतना इतिहास में कभी नहीं हुई थी।


सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि 70 साल से तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों ने नागरिकता कानून पर भ्रम फैलाया है। यह कानून किसी की नागरिकता लेने का नहीं बल्कि देने का कानून है। मोदी सरकार धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती। सबके लिए काम करती है पर कांग्रेस ने मुसलमानों को डराकर 70 वर्ष तक उन्हें अपना वोट बैंक बनाया है। लोकसभा और राज्यसभा से पास कानून को हर राज्य को लागू करना ही होगा। सभी को समझना चाहिए कि कानून का वास्ता भारत के नागरिकों से है ही नहीं। यह तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के लिए है।


सिद्धार्थ नाथ सिंह शनिवार को गोंडा में नागरिकता संशोधन कानून पर लोगों को जागरुक करने के लिए आयोजित अभियान में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को आयुष्मान योजना जैसी विकास की योजनाएं दी और बिना भेदभाव हिंदू मुसलमान दोनों को लाभ पहुंचाया। विपक्ष ने मुसलमान भाई-बहनों को एक ही बात बताई कि उन्हें डरने का हक है और उन्हें डराना है। विपक्ष ने यह भी बताया कि डरना है तो भाजपा से। इसी बीच में समय-समय पर विपक्ष ने उन्हें डराकर अपना वोट बैंक बनाया। मंत्री ने दीपका पादुकोण के जेएनयू जाने पर भी कहा कि कहीं भी जाने का सबको अधिकार है। चाहे वह दीपिका पादुकोण हों या फिर कोई अन्य। वह सेलिब्रिटी हैं और सेलिब्रिटी अगर कहीं भी खड़े होते हैं तो, उनको तथ्यों के साथ जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2019 में देश की जनता ने केंद्र में एक बार फिर से मजबूत सरकार दी। मोदी ने 370 हटाया। तीन तलाक पर कानून बनाया। राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया जिसका सबने स्वागत किया। विपक्ष को लगता है कि सरकार अब समान नागरिक संहिता जैसे कानून लाने जा रही है तो विपक्ष नए ड्रामे कर रहा है।


सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि नेहरू लियाकत समझौता 1950 में हुआ था। जिन्होंने तब इसका समर्थन किया था अब विरोध कर रहे हैं। यह पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में सताए हुए अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता देने का कानून है। बता दें कि भाजपा नागरिकता संशोधन कानून पर देश की जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चला रही है जिसके तहत गोंडा के प्रभारी मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह जिले में जनसभा में अपना पक्ष रख रहे थे।


नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) संसद से पारित होने के बाद पूरे देश में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इसके साथ ही कानून पूरे देश में लागू हो गया। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में काफी उग्र प्रदर्शन हुआ था। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने ऐलान कर दिया है कि इसे देश में सबसे पहले यूपी सरकार इस सीएए को लागू करेगी।


योगी आदित्यनाथ सरकार ने सीएएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों की पहचान का काम शुरू कर दिया है। सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे नामों को सूचीबद्ध करें जो वर्ष 2014 के पहले से रह रहे हैं। सरकार ने इस संबंध में कोई लिखित आदेश अभी जारी किया है, लेकिन जिलाधिकारियों ने पहचान का काम शुरू भी कर दिया है। तहसील स्तर पर अधिकारी शरणार्थियों की गणना कर रहे हैं। जिनको नागरिकता दी जानी है, उनकी रिपोर्ट शासन को भेजी भी जा रही है।


फार्म नहीं भरा तो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे अखिलेश


केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आयोजित सभा में कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कहते हैं कि वह एनपीआर फॉर्म नहीं भरेंगे। अगर आप इसे नहीं भरेंगे, आपको चुनाव लडऩे की अनुमति नहीं मिलेगी। हाल ही में अखिलेश यादव ने ऐलान किया था कि वह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का फॉर्म नहीं भरेंगे। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से भी ऐसा न करने का आह्वान किया था। अखिलेश यादव के इसी बयान पर पलटवार करते हुए संजीव बालियान ने कहा कि अगर अखिलेश यादव एनपीआर का फॉर्म नहीं भरेंगे तो वह चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे क्योंकि यही नियम है। यह कानून का नियम है।