बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का बुधवार को 64वां जन्मदिन जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मानाया जा रहा है।
लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी(बसपा) प्रमुख मायावती ने अपने 64 वें जन्मदिन पर पाकिस्तान में मुस्लिमों पर भी जुल्म ज्यादती होने की बात कहते हुए नागरिकता कानून नए तरीके से बनाए जाने की पैरोकारी की। बुधवार को पार्टी दफ्तर में मायावती ने भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखने की बात दोहराई और सपा पर कोई टिप्पणी से इन्कार किया।
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती बुधवार को अपना 64वां जन्मदिन 'जनकल्याणकारी दिवस' के रूप में मना रही हैं। इस दौरान मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में लगभग 22 मिनट चली पत्रकार वार्ता में बसपा प्रमुख ने ज्यादातर समय भाजपा व कांग्रेस को कोसने में लगाया। अपने शासन काल में कानून- व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए मंत्रियों व विधायकों को जेल भेजने की जानकारी देना भी वह नहीं भूली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करते हुए नए सिरे से तैयार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि नागरिकता देने में मुस्लिमों से भेदभाव करना गलत है। ऐसा नहीं कि पड़ोसी देशों, खासकर पाकिस्तान में रहने वाले सभी मुसलमान सरकार से उत्पीडि़त नहीं है। ज्यादती किसी के साथ भी संभव है इसलिए सरकार मौजूदा कानून को वापस ले। आम सहमति से नया कानून बने और पीडि़त मुस्लिमों को भी नागरिकता दीे जाए। मायावती ने सीएए के विरोध में बसपा द्वारा किए प्रयासों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा केवल अपनी जिद व अडिय़ल रवैये के कारण सीएए लागू किया गया है। जिस कारण देश में हाहाकार जैसे हालात बने है।
संकीर्ण सोच बदलने से मिलेगा पुलिस कमिश्नर प्रणाली का लाभ
मायावती ने कहा कि बसपा पुलिस कमिश्नर प्रणाली के विरोध में नहीं है परंतु सरकार की संकीर्ण सोच बदले बिना इसका लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। जिसका सरकार में बेहद अकाल है। बसपा प्रमुख ने कानून का राज स्थापित करने के लिए अपने शासनकाल में अपनी ही पार्टी के सांसदों व विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कराए जाने की जानकारी भी दी।
उससे मुझे क्यों जोड़ते हो
मायावती उस समय भड़क गयी जब उनसे अखिलेश द्वारा एनआरसी फार्म न भरने की घोषणा के बारे में पूछा गया। उन्होंने तीखे स्वर में कहा कि अभी एनआरसी लागू नहीं है तो इस सवाल का मतलब नहीं और आप उससे मुझे क्यों जोड़ रहे हैं? इस अवसर पर मायावती ने अपनी आत्मकथा, मेरा संघर्षमय जीवन और बीएसपी आंदोलन- पुस्तक के 15 वां संस्मरण का विमोचन भी किया।
लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस के बाद वह दिल्ली रवाना हो जाएंगी और अपने परिवार के साथ जन्मदिन मनाएंगी। वहीं, जिलों के पहले से ही निर्देश जारी हो चुके हैं। वहां हर वर्ष की तरह कार्यकर्ता जनकल्याणकारी दिवस के रूप में अपनी नेता का जन्मदिन मनाकर समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ने का प्रयास करें।